दिल्ली की हवा फिर ‘जहरीली’: AQI पहुंचा ‘गंभीर’ के करीब, ऐसे पहचानें Severe और Very Poor का खतरा

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दिल्ली में प्रदूषण की आपात स्थिति: AQI ‘गंभीर’ के करीब, राजधानी में सांस लेना हुआ मुश्किल 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Air Quality) में एक बार फिर चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है। पिछले कुछ दिनों की मामूली राहत के बाद, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) फिर से ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी के करीब पहुंच गया है, जिससे शहर में सांस संबंधी बीमारियों और स्वास्थ्य आपातकाल का खतरा बढ़ गया है।

वर्तमान स्थिति: क्या है AQI का हाल?

नवीनतम निगरानी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI 400 के स्तर को छू रहा है, जो ‘बहुत खराब’ (Very Poor) श्रेणी की ऊपरी सीमा है, और ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी से बस कुछ ही कदम दूर है।

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  • ‘गंभीर’ (Severe): AQI 401 से 500 के बीच।

  • ‘बहुत खराब’ (Very Poor): AQI 301 से 400 के बीच।

इस स्तर के प्रदूषण का मतलब है कि लंबे समय तक इस हवा में सांस लेने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, और स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारण

AQI में अचानक हुई इस वृद्धि के पीछे कई कारक जिम्मेदार हैं:

  1. खेतों में पराली जलाना (Stubble Burning): पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि, जिसका धुआं हवा के पैटर्न के साथ दिल्ली की ओर आ रहा है।

  2. स्थानीय उत्सर्जन (Local Emissions): वाहनों से निकलने वाला धुआँ, निर्माण कार्यों की धूल और औद्योगिक उत्सर्जन में वृद्धि।

  3. मौसम संबंधी कारक (Weather Conditions): तापमान में गिरावट और हवा की धीमी गति, जिससे प्रदूषक तत्व ज़मीन के करीब जमा हो जाते हैं और फैल नहीं पाते।

GRAP का कौन सा चरण हो सकता है लागू?

अगर AQI 401 के पार ‘गंभीर’ (Severe) श्रेणी में जाता है, तो केंद्र सरकार का ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू हो सकता है।

  • GRAP-IV (Severe Plus): अगर AQI 450 के पार जाता है, तो सबसे सख्त नियम लागू होते हैं, जिसमें ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और स्कूल बंद करने जैसे आपातकालीन उपाय शामिल हैं।

प्रशासन को जल्द ही GRAP-III (जब AQI 400 के पार हो) के तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक और अन्य सख्त प्रतिबंधों को लागू करने की तैयारी करनी पड़ सकती है।

स्वास्थ्य पर गहरा असर: खुद को कैसे बचाएं?

यह ‘जहरीली’ हवा बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा व हृदय रोगों से पीड़ित लोगों के लिए सबसे अधिक खतरनाक है।

  • मास्क का उपयोग करें: घर से बाहर निकलने पर N95 या N99 मास्क का प्रयोग करें।

  • इंडोर रहें: सुबह और देर शाम के समय, जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है, अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें।

  • एयर प्यूरीफायर: घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

दिल्ली और NCR के निवासियों के लिए यह समय विशेष सावधानी बरतने का है। प्रशासन को इस संकट से निपटने के लिए जल्द ही कड़े कदम उठाने की जरूरत है।

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