नवरात्रि 2025: दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

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नवरात्रि दूसरा दिन: माँ ब्रह्मचारिणी
नवरात्रि के दूसरे दिन की हार्दिक शुभकामनाएं! 🙏 आज हम तपस्या और संयम की देवी, माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं। उनका दिव्य स्वरूप हमें जीवन में दृढ़ता और अनुशासन बनाए रखने की प्रेरणा देता है। माँ ब्रह्मचारिणी की कृपा से आपका जीवन ज्ञान और आध्यात्मिक शक्ति से भर जाए।

नवरात्रि 2025: दूसरा दिन – माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। देवी दुर्गा का यह दूसरा स्वरूप तप, त्याग और संयम का प्रतीक माना जाता है। माँ ब्रह्मचारिणी का अर्थ है ‘तप का आचरण करने वाली’। उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी, जिसके कारण उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा।

यह दिन भक्तों को जीवन में दृढ़ संकल्प, अनुशासन और धैर्य बनाए रखने की प्रेरणा देता है। जो भक्त सच्चे मन से माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं, उन्हें ज्ञान, तप और वैराग्य की प्राप्ति होती है। माँ की कृपा से व्यक्ति के सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाती हैं और जीवन में सफलता मिलती है।

माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए इन चरणों का पालन करें:

  • प्रातः काल स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • संकल्प लें: पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल और फूल लेकर माँ की पूजा का संकल्प लें।
  • पूजा सामग्री: माँ को सफेद फूल (जैसे चमेली), अक्षत, चंदन और शक्कर का प्रसाद अर्पित करें।
  • भोग: माँ ब्रह्मचारिणी को भोग में शक्कर और फल बहुत पसंद हैं। उन्हें ये चीजें अर्पित करें।
  • ध्यान और मंत्र जाप: पूजा के दौरान माँ का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों

माँ ब्रह्मचारिणी के मंत्

  • मूल मंत्र: “ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः।”
  • प्रार्थना मंत्र: “दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥”

आरती और प्रसाद

मंत्र जाप के बाद माँ ब्रह्मचारिणी की आरती करें। आरती के बाद प्रसाद सभी में बांट दें और स्वयं भी ग्रहण करें। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति को आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है और वह हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनता है।

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