किसान एक बार फिर केंद्र और हरियाणा-पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। इससे पहले 18 किसान संगठनों की महापंचायत, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल व उनके 5 संगठन और भारतीय किसान यूनियन (BKU) एकता उगराहां के बीच दरार आ गई है।
18 किसान संगठनों की महापंचायत ने 13 फरवरी को दिल्ली चलो का नारा दिया है। राजेवाल सहित 5 संगठन पंजाब-हरियाणा के बीच पानी के मुद्दे को लेकर पक्का मोर्चा लगाने की तैयारी में हैं। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां दोनों ही प्रदर्शनों के सपोर्ट में ही नहीं है।
राज्य के बड़े किसान संगठनों में मतभेद के बाद पंजाब के किसान चिंता में हैं। किसान संगठन खुद मानते हैं कि संगठनों के बीच दरार का फायदा सीधे तौर पर सरकारों को होने वाला है।
किसान मजदूर यूनियन के नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि पंजाब की धरती सभी किसानों को एक बार फिर इकट्ठा करेगी। कोशिश रहेगी कि सभी को इकट्ठा किया जाए। हर संगठन का एजेंडा अलग हो सकता है। पानी का मुद्दा छोटा नहीं है। दिल्ली के खिलाफ भी युद्ध आसान नहीं है, लेकिन सभी का मकसद एक ही है, किसानों के हक की आवाज उठाना।
















