जालन्धर (नेहा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक दौरे पर जापान और चीन जा रहे हैं। यह दौरा भारत की द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए अहम माना जा रहा है।
जापान दौरा (29–30 अगस्त 2025)
पीएम मोदी का पहला पड़ाव जापान है, जहां वह 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दोनों देशों के विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करना है। बैठक में व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और लोगों के बीच सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। यह शिखर सम्मेलन भारत-जापान के लंबे समय से चल रहे मित्रता और सहयोग को और मजबूती प्रदान करेगा।
चीन दौरा (31 अगस्त – 1 सितंबर 2025)
जापान दौरे के बाद, पीएम मोदी चीन के टियांजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। यह सम्मेलन क्षेत्रीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां सदस्य देश सुरक्षा, आर्थिक और राजनीतिक मामलों पर चर्चा करते हैं। पीएम मोदी की भागीदारी से भारत की क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग में सक्रिय भूमिका को बल मिलेगा।
रणनीतिक महत्व
ये दौरे वैश्विक और क्षेत्रीय बदलावों के बीच समयानुकूल हैं। इन बैठकों का मकसद भारत-जापान और भारत-चीन संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष
पीएम मोदी का यह दौरा भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है। इन कूटनीतिक बैठकों के जरिए भारत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग में भी योगदान देगा।


















