बिहार बुर्का वोटिंग विवाद: गिरिराज सिंह के ‘यह पाकिस्तान नहीं है’ बयान से राजनीतिक तूफान
बिहार चुनाव 2025 का पहला चरण अभी खत्म भी नहीं हुआ कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के एक तीखे बयान ने राज्य की राजनीति में बड़े विवाद को जन्म दे दिया है। गिरिराज सिंह फर्जी वोटिंग के आरोपों पर मुखर होते हुए, उन्होंने कथित रूप से बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिला मतदाताओं की पहचान पर सवाल उठाया और कहा कि “यह पाकिस्तान नहीं है“। इस गिरिराज सिंह पाकिस्तान बयान ने न केवल विपक्षी दलों को हमलावर होने का मौका दिया है, बल्कि चुनाव की शुचिता और मतदाता पहचान बिहार की प्रक्रिया पर भी बहस छेड़ दी है।
गिरिराज सिंह का आरोप और पाकिस्तान का संदर्भ
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कुछ मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान का सत्यापन ठीक से नहीं हो रहा है, जिससे एक ही व्यक्ति बार-बार वोट डालने की कोशिश कर सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग (EC) से मांग की कि वह हर महिला मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए, खासकर तब जब वे चेहरा ढँक कर मतदान करने आती हैं। उनके बयान में पाकिस्तान का संदर्भ जोड़ना चुनाव को एक सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
बिहार चुनाव 2025 विवाद अब केवल रोजगार या विकास पर नहीं रहा, बल्कि भावनाओं और धार्मिक स्वतंत्रता के संवेदनशील मोर्चे पर भी लड़ा जा रहा है। सत्तारूढ़ गठबंधन के एक प्रमुख नेता द्वारा यह बयान ऐसे समय में आया है जब सभी दल शांतिपूर्ण मतदान पर जोर दे रहे हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया: हमलावर महागठबंधन
महागठबंधन ने मंत्री के बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने इसे मतदाताओं का अपमान बताया और आरोप लगाया कि गिरिराज सिंह पाकिस्तान बयान देकर जानबूझकर ध्रुवीकरण की कोशिश कर रहे हैं। विपक्षी नेताओं ने तर्क दिया है कि भारतीय लोकतंत्र में मतदान की गोपनीयता और पहचान सत्यापन दोनों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मतदान केंद्र पर महिला कर्मी गोपनीयता बनाए रखते हुए मतदाता पहचान बिहार के नियमों के तहत पहचान का सत्यापन करती हैं, इसलिए फर्जी वोटिंग बिहार का आरोप निराधार है।
विपक्ष ने चुनाव आयोग से मांग की है कि वह मंत्री के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे, क्योंकि यह बयान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है और चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश है।
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण और नियम
इस बढ़ते हुए बिहार बुर्का वोटिंग विवाद के बीच, चुनाव आयोग को हस्तक्षेप करना पड़ा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और मतदाता पहचान बिहार के लिए निर्धारित प्रक्रिया का सख्ती से पालन किया जा रहा है।
आयोग ने बताया कि बुर्का या घूंघट पहनने वाली महिला मतदाताओं की पहचान सत्यापित करने के लिए हर केंद्र पर महिला कर्मचारी तैनात हैं। पहचान की पुष्टि पूर्ण गोपनीयता और नियमों के अनुसार की जाती है। आयोग ने सभी दलों से अपील की है कि वे निराधार आरोप लगाकर चुनाव प्रक्रिया को बाधित न करें और मतदाताओं के बीच भ्रम न फैलाएं।
यह बिहार चुनाव 2025 विवाद दर्शाता है कि इस चुनाव में विकास के मुद्दों के साथ-साथ भावनात्मक और संवेदनशील बयानबाजी भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आयोग की चुनौती अब इस विवाद को शांत कर बाकी बचे चरणों में फर्जी वोटिंग बिहार जैसी किसी भी आशंका को दूर करना है।

















