2015 में गोली लगने के बाद कोमा में चले गए लेफ्टिनेंट कर्नल कर्णवीर सिंह का हुआ अंतिम संस्कार

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जालंधर (sneha) : जालंधर में आज फौज के जवान लेफ्टिनेंट कर्नल कर्णवीर सिंह को सलामी दे कर अंतिम विदाई दी गई । बता दे 2015 में कश्मीरी घाटी में ऑपरेशन के दौरान गोली लगी थी जिसके बाद से वह कोमा में थे और उनका जालंधर के आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था और 24 दिसंबर 2023 को वह जिंदगी की जंग हार गए।
लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह  का सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। परिवार ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। बेटी गुरनीत कौर ने पिता लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह नत्त को मुखाग्नि दी। यहां छोटी बेटी अश्नीत कौर भी मौजूद थी। पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल था। मौके पर मौजूद कई आर्मी अफसरों का भी आंखें नम थीं।

इस दौरान भारतीय सेना के कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे। स्व. लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह नत्त की बहादुरी की कहानी हमेशा अमर रहेगी। करणबीर सिंह ने अपने साथी को बचाने के लिए दुश्मनों की गोली अपने शरीर पर खाई थी। 22 नवंबर 2015 को कश्मीर घाटी में कुपवाड़ा बॉर्डर से 7 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच सेना का ऑपरेशन चल रहा था। हाजी नाका गांव में लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह साथी जवानों के साथ आतंकियों की तलाश में थे। शायद आतंकियों को पहले से ही सेवा की मूवमेंट की जानकारी थी।आतंकवादी छुप कर बैठे हुए थे। आतंकवादियों ने सेना पर हमला कर दिया। जब आतंकवादी गोलियां चला रहे थे तो करणवीर सिंह ने अपने साथी सैनिक को बचाने के लिए उसे धक्का मारा। इसी दौरान गोली करणवीर सिंह के जबड़े में आकर लग गई।उन्होंने हौसला नहीं हरा और दुश्मन को करारा जवाब दिया। निचले जबड़े को गोली ने छलनी कर दिया था। इसके बावजूद में मोर्चे पर डटे रहे थे। उनको इस बहादुरी के लिए सेना मेडल दिया गया।

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