पंजाब बाढ़ 2025: 30 की मौत, 3 लाख एकड़ फसल बर्बाद, 1300 गांव डूबे – पीएम मोदी ने CM मान से की बात

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Aerial view of Punjab floods 2025 showing submerged villages, fields, and roads after heavy rainfall.
Punjab Flood 2025: भीषण बाढ़ से 30 लोगों की मौत, 3 लाख एकड़ फसलें बर्बाद और 1300 गांव पानी में डूबे। पीएम मोदी ने सीएम भगवंत मान से राहत कार्यों को लेकर बात की।

पंजाब में बाढ़ का कहर

जालन्धर/पंजाब:(नेहा) पंजाब इन दिनों भीषण मौसमी बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। अब तक की रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ से करीब 30 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 3 लाख एकड़ से ज्यादा फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो चुकी हैं। इसके साथ ही लगभग 1,300 गांव पूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं। गाँवों के घरों, सड़कों और सरकारी ढांचे को भारी नुकसान हुआ है।

पीएम मोदी का हस्तक्षेप

हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात की है। पीएम ने राहत और बचाव कार्यों का समन्वय करने का आश्वासन दिया और केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज़ करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

प्रभावित जिलों की स्थिति

सबसे ज्यादा नुकसान जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, पठानकोट और अमृतसर जिलों में हुआ है। जालंधर में तो हालात इतने बिगड़े कि शहर की मुख्य सड़कें और घर पानी में डूब गए। कई जगहों पर लोग छतों पर चढ़कर मदद का इंतजार कर रहे हैं।

कृषि प्रधान राज्य होने के कारण फसलों का नुकसान किसानों के लिए बहुत बड़ा झटका है। धान और मक्के की फसलें पूरी तरह पानी में समा गई हैं। यह आने वाले महीनों में राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों की आजीविका पर गहरा असर डालेगा।

राहत और बचाव कार्य

राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में NDRF और SDRF की टीमों को तैनात किया है। सेना के जवान भी नावों और हेलीकॉप्टरों के जरिए फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में लगे हुए हैं। अब तक हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।

सरकारी स्कूलों और पंचायत भवनों को अस्थायी राहत शिविरों में बदल दिया गया है। यहां लोगों को खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ और जरूरी सुविधाएँ मुहैया करवाई जा रही हैं।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ ने पंजाब की कृषि और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में बिना केंद्र की मदद के स्थिति को संभालना मुश्किल है।

वहीं, समाज के अन्य वर्ग भी आगे आ रहे हैं। गुरुद्वारे और धार्मिक संस्थाएं लंगर और राहत सामग्री बाँटकर पीड़ितों की मदद कर रही हैं।

खेल और सिनेमा जगत का समर्थन

पंजाब से ताल्लुक रखने वाले क्रिकेटर शुभमन गिल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “मैं अपने पंजाब के लोगों के साथ खड़ा हूँ। यह समय कठिन है लेकिन हम मिलकर इससे बाहर निकलेंगे।”
इसी तरह पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ ने बाढ़ प्रभावित 10 गांवों को गोद लेने का ऐलान किया है। उनकी इस पहल से हजारों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

आने वाले दिनों का खतरा

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पंजाब और आसपास के राज्यों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। इससे बाढ़ की स्थिति और खराब हो सकती है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।

पंजाब की अर्थव्यवस्था पर असर

पंजाब की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है। बाढ़ के कारण 3 लाख एकड़ से ज्यादा फसलें डूब चुकी हैं, जिससे खाद्यान्न उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा। इससे न सिर्फ किसानों की आमदनी प्रभावित होगी बल्कि आने वाले महीनों में खाद्य सामग्री की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।

इसके अलावा बाढ़ से सड़कों, पुलों और बिजली ढांचे को भी भारी नुकसान हुआ है। मरम्मत और पुनर्निर्माण पर सरकार को भारी खर्च करना पड़ेगा।

लोगों की उम्मीदें

हालांकि हालात गंभीर हैं, लेकिन लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर जल्द से जल्द राहत पहुँचाएंगी। गुरुद्वारों, NGOs और स्थानीय संगठनों की मदद से राहत शिविरों में पीड़ितों को भोजन और आश्रय मिल रहा है।

नतीजा

पंजाब की मौसमी बाढ़ ने यह साफ कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्य को और मजबूत तैयारी की ज़रूरत है। राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन असली चुनौती पुनर्वास और किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना होगी। आने वाले समय में सरकार की नीतियां और राहत पैकेज यह तय करेंगे कि पंजाब कितनी जल्दी इस आपदा से उभर पाता है।

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