जालन्धर/पाकिस्तान:(नेहा) पाकिस्तान के करतारपुर साहिब में हाल ही में पानी निकालने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। पंजाब और पाकिस्तान के सिख समुदाय के लिए यह स्थल अत्यंत पवित्र माना जाता है। गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब से पानी निकालने के मामले पर पाकिस्तान की मुख्यमंत्री मरीयम नवाज़ ने सख्त आदेश जारी किए हैं।
सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने पानी निकालने की किसी भी गतिविधि पर तुरंत रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री मरीयम नवाज़ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि गुरुद्वारा साहिब की पवित्रता और धार्मिक स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अनधिकृत कार्रवाई पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पानी निकालने की योजना से पहले कई सिख तीर्थयात्रियों ने आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि यह कदम धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है और समुदाय में तनाव उत्पन्न कर सकता है। इसके बाद प्रशासन ने स्थिति का तुरंत जायजा लिया और आदेश जारी किया।
गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब, जो गुरु नानक देव जी के समय से जुड़ा है, पाकिस्तान में सिख धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पाकिस्तान और भारत से आते हैं। ऐसे में किसी भी तरह की अनियमितता या पवित्र स्थल से पानी निकालना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस आदेश से धार्मिक समुदाय में संतुलन बना रहेगा और प्रशासन की छवि भी मजबूत होगी। साथ ही, यह कदम पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय छवि के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि करतारपुर कॉरिडोर विश्वभर के सिख श्रद्धालुओं के लिए एक प्रतीक है।
इस घटना के बाद, प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह के विवाद या अनधिकृत गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और समय रहते कार्रवाई की जाएगी।
गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के रखरखाव और सुरक्षा के लिए सरकार ने पहले ही कई कदम उठाए हैं, जिसमें सख्त सुरक्षा व्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण और तीर्थयात्रियों की सुविधा शामिल हैं। मुख्यमंत्री मरीयम नवाज़ के सख्त आदेश से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी धार्मिक स्थल से संबंधित अनधिकृत गतिविधि न हो।
अंततः, यह आदेश सिख समुदाय और अन्य श्रद्धालुओं के लिए एक राहत की खबर है। धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
















