
यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर – दिल्ली में बाढ़ का खतरा
दिल्ली में लगातार हो रही भारी मानसून बारिश ने हालात गंभीर बना दिए हैं। राजधानी की जीवन रेखा कही जाने वाली यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुँच गया है। लोहे के पुल (Old Railway Bridge) पर सुबह 9 बजे रिकॉर्ड किया गया जलस्तर 207.47 मीटर था, जो प्रशासन और नागरिकों दोनों के लिए चिंता का विषय है।
बाढ़ से प्रभावित इलाके
यमुना का जलस्तर बढ़ने से राजधानी के कई इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
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दिल्ली सचिवालय के आस-पास पानी भर गया है।
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वासुदेव घाट और निगमबोध घाट पर सामान्य गतिविधियाँ बाधित हो गई हैं।
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मयूर विहार फेज़ I और गीता कॉलोनी शवदाह गृह में भी पानी घुस गया है।
इन इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने सतर्क रहने की अपील की है और ज़रूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
प्रशासन अलर्ट पर
दिल्ली सरकार और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फ्लड कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है। यमुना किनारे बसे बस्तियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
राजस्व विभाग और नगर निगम की टीमें प्रभावित इलाकों में तैनात हैं। बोट और राहत सामग्री तैयार रखी गई है ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाई जा सके।
बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें
दिल्ली में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। NCR (नोएडा, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम) में भी हालात गंभीर बने हुए हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ी राज्यों में हो रही बारिश का पानी यमुना में मिलकर नदी का जलस्तर और भी बढ़ा रहा है।
ऐतिहासिक तुलना
यमुना का खतरनाक स्तर 205.33 मीटर माना जाता है। इस बार जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुँच चुका है, जो हाल के वर्षों में सबसे ऊँचा है।
पिछली बार 2019 और 2023 में भी इसी तरह की बाढ़ जैसी स्थिति बनी थी, जब हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा था।
जनजीवन पर असर
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कई स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
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यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित है, खासकर वज़ीराबाद, कश्मीरी गेट और गीता कॉलोनी इलाकों में।
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प्रभावित क्षेत्रों में बिजली कटौती भी की जा रही है ताकि कोई हादसा न हो।
सरकार की अपील
दिल्ली सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि लोग आपात स्थिति में तुरंत संपर्क कर सकें।
निष्कर्ष
अगस्त–सितंबर 2025 की भारी बारिश ने दिल्ली के हालात बिगाड़ दिए हैं। यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर पहुँचने से बाढ़ का बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और राहत कार्य जारी हैं।
नागरिकों को चाहिए कि वे सावधानी बरतें और ज़रूरी होने पर सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।















