UN में भारत का पलटवार: ‘नष्ट रनवे’ को जीत बताने पर शहबाज़ शरीफ़ का उड़ाया मज़ाक

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नष्ट रनवे जीत पर शहबाज़ शरीफ़ का मज़ाक उड़ाते हुए भारत का जवाब

UN में भारत का पलटवार: ‘नष्ट रनवे’ को जीत बताने पर शहबाज़ शरीफ़ का उड़ाया मज़ाक

संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ द्वारा किए गए ‘जीत’ के दावे पर भारत ने तीखा पलटवार किया है। पाकिस्तान के पीएम ने अपने संबोधन में दावा किया था कि हाल ही में हुए संघर्ष, जिसे भारत ऑपरेशन सिंदूर कहता है, में पाकिस्तान विजयी रहा था। भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए इसे ‘बेतुका नाटक’ बताया और पूछा कि क्या सचमुच नष्ट रनवे जीत की निशानी हैं।

शहबाज़ शरीफ़ का भ्रामक दावा और शांति का आह्वान

अपने भाषण के दौरान, शहबाज़ शरीफ़ ने ऑपरेशन सिंदूर को भारत द्वारा ‘अकारण आक्रामकता’ बताया और दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने भारत के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिससे पाकिस्तान की जीत हुई। उन्होंने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया और भारत के साथ ‘परिणामोन्मुखी’ शांति वार्ता की बात कही। शरीफ़ ने दावा किया कि उनके देश ने आतंकवाद को हराया है और अब वह अपने क्षेत्र में शांति स्थापित करना चाहता है। हालाँकि, भारत ने इन सभी बयानों को शहबाज़ शरीफ़ का मज़ाक बनाने वाला बताया और तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया।

पेटल गहलोत का जवाब: ‘अगर बर्बाद रनवे जीत हैं तो खुश रहें’

पाकिस्तान के पीएम के दावों का जवाब देने के लिए, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने ‘जवाब देने के अधिकार’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाकिस्तान के ‘जीत’ के दावे पर सीधा तंज कसते हुए कहा, “रिकॉर्ड स्पष्ट हैं। 9 मई तक, पाकिस्तान भारत पर और हमलों की धमकी दे रहा था। लेकिन 10 मई को, पाकिस्तानी सेना ने हमसे सीधे लड़ाई बंद करने की गुहार लगाई।”

गहलोत ने आगे कहा कि इस दौरान भारतीय सेना द्वारा कई पाकिस्तानी हवाई अड्डों को नष्ट किया गया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “उस नुकसान की तस्वीरें सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। यदि नष्ट रनवे और जले हुए हैंगर जीत जैसे दिखते हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया, तो पाकिस्तान इसे खुशी से अपना सकता है।” यह बयान सीधे तौर पर शहबाज़ शरीफ़ के दावों को खारिज करता है और पाकिस्तानी सेना की सच्चाई उजागर करता है।

आतंकवाद और दोहरेपन का पर्दाफ़ाश

भारत ने UNGA के मंच से एक बार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद का निर्यातक बताया। पेटल गहलोत ने कहा कि इस सभा ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का ‘बेतुका नाटक’ देखा, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद का महिमामंडन किया, जो उनकी विदेश नीति का मूल है।

उन्होंने पाकिस्तान के दोहरेपन को उजागर करते हुए याद दिलाया कि यह वही देश है जिसने ओसामा बिन लादेन को एक दशक तक पनाह दी, जबकि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में साझेदारी का दिखावा करता रहा। गहलोत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान द्वारा आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ को संयुक्त राष्ट्र में जवाबदेही से बचाने की कोशिश का भी ज़िक्र किया।

शांति का स्पष्ट रास्ता

शहबाज़ शरीफ़ के शांति वार्ता के प्रस्ताव पर भारत ने स्पष्ट रुख अपनाया। भारत की राजनयिक ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री शरीफ़ वास्तव में sincere हैं, तो रास्ता साफ है। UNGA भारत पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देता है: पाकिस्तान को तुरंत अपने क्षेत्र में चल रहे सभी आतंकवादी शिविर बंद करने चाहिए और भारत में वांछित आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए।

भारत ने यह भी दोहराया कि आतंकवाद के मामले में, आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाएगा, और भारत परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में आतंकवाद को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देगा। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के सभी भ्रामक दावों को दृढ़ता से खारिज कर दिया।

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